एक नामुराद आशिक से किसी ने पूछा,
'कहो जी, तुम्हारी माशूका तुम्हें क्यों नहीं मिली।'
बेचारा उदास होकर बोला,
'यार कुछ न पूछो! मैंने इतनी खुशामद की कि उसने अपने को
सचमुच ही परी समझ लिया और हम आदमियों से बोलने में
परहेज किया।'.......
Dilshad saifi
+91 - 9015563789
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